सोलर पम्प

उपयोग: सौर पम्प या सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई प्रणाली बिजली जैसे पारंपरिक सिंचाई समाधान या डीजल चालित पम्प के विकल्प के रूप में उभर रही है। यह एक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सिंचाई तकनीक है जिसके परिचालन और रखरखाव में बहुत ही कम लागत लगता है। इसका उपयोग सतह और भूजल दोनों स्रोतों के साथ किया जा सकता है। भारत में, किसान फसल उत्पादन में सिंचाई की पारंपरिक पद्धति का उपयोग करते हैं, जो भूजल संसाधनों पर दबाब उत्पन करता है। यह पम्प सौर ऊर्जा भूजल पम्पिंग और दबाव सिंचाई प्रणाली में ऊर्जा की उपलब्धता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सौर फोटोवोल्टिक तकनीक कृषि में निरंतर ऊर्जा संकट को कम करने में एक अच्छा विकल्प है। बाजार में उपलब्ध सौर पम्प 5 मीटर से लेकर 200 मीटर से अधिक गहराई से पानी उठा सकता है एवं इस पम्प का आउटपुट 250 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन तक होता है।
शक्ति स्रोतः 1.5 – 27 एच.पीअनुमानित
कीमतः रु. 0.50- 5.0 लाख
संचालन खर्चः रु. 20-30 प्रति घंटा