ड्रिप सिंचाई प्रणाली

उपयोगः टपक या ड्रिप सिंचाई एक ऐसी पद्धति है, जिसमें प्लास्टिक के पाइप द्वारा पौधे के तने के चारों ओर भूमि पर या जड़ के नजदीक ड्रिप की सहायात से बूँद-बूँद पानी दिया जाता है। जिससे पानी की प्रत्येक बूँद पौधों के उपयोग में आ सके। इसमें 1.2-2.0 से.मी. मोटाई की लम्बवत (लैटरल) पाइपों के साथ पानी निकलने की उपयुक्त युक्ति लगती है जिसको ड्रिपर कहते हैं। प्लास्टिक या सीमेन्ट का एक मुख्य टैंक होता है जिसमें पानी भर के प्लास्टिक के मोटे पाइप द्वारा ड्रिप लाइन में पहुँचाया जाता है। ड्रिप सिंचाई से 40-80 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है तथा पानी इस्तेमाल करने की क्षमता 90-95 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। उर्वरक की उपयोगिता में बढ़ोतरी होती है। तथा इससे फसलों की गुणवत्ता में भी सुधार होती है। बागवानी फसलों एवं सब्जियों में ड्रिप सिंचाई बहुत ही कारगर है ।
अनुमानित कीमतः रु. 1.0-1.20 लाख प्रति एकड़