कम्बाइन हार्वेस्टर (एस.एम.एस. यूनिट के साथ)

उपयोगः इसमें कम्बाइन के पीछे एक स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम लगा होता है जो कि पराली (भूसे) को छोटे छोटे टुकड़ों (3-5 इंच) में काट कर खेत में बराबर से फैला देता है। पराली के टुकड़े छोटे होने से हैप्पी सीडर या सुपर सीडर से आसानी से बुआई की जा सकती है।कार्य क्षमताः 0.40-0.50 हेक्टेयर प्रति […]

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कम्बाइन हार्वेस्टर

उपयोगः कम्बाइन हार्वेस्टर से खड़ी फसल विषेशकर गेहूँ, चना, सरसों, सोयाबीन, मक्का, सूरजमुखी, मूँग आदि की कटनी, दौनी एवं असौनी का कार्य एक साथ किया जाता है। यह मशीन खेतों में प्रयोग होने वाली सभी मशीनों से महंगी होती है, लेकन कार्य क्षमता काफी अधिक है। यह बड़े जोत वाले किसानों के लिये काफी उपयोगी

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रीपर

उपयोगः इस उपकरण का प्रयोग फसल काटने के लिए होता है। ये दो तरह के होते हैं, स्वचालित जो खुद के इंजन से चलते हैं और ट्रैक्टर चालित, जिसे चलाने के लिए 25 एच.पी. के ट्रैक्टर की जरूरत होती है । यह मशीन जमीन से 3-8 इंच की ऊचाँई पर फसल की कटाई करती है।

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मल्टी क्रॉप ब्रश कटर

उपयोगः मल्टी-क्रॉप ब्रष कटर मषीन पूरी तरह से पेट्रोल चालित है और 4 स्ट्रोक इंजन के साथ भी आती है। अलग अलग फसलों के लिए ब्लेड भी अलग होते हैं। इस मषीन को धान, गेहूँ, मक्का और सोयाबीन आदि के फसल की कटाई के लिए आदर्ष माना जाता है।कार्य क्षमताः 0.05-0.06 हेक्टेयर प्रति घंटाशक्ति स्रोतः

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हँसिया

उपयोग: हँसिया एक घुमावदार, हाथ से पकड़े जाने वाला कृषि उपकरण है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर अनाज की फसल या घास काटने के लिए किया जाता है। कर्व के अंदर दाँत कटे हुए होते हैं। फसल काटने वाला व्यक्ति एक हाथ में पके हुए धान या गेहूँ को पकड़ कर दूसरे हाथ से हँसिया से

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फब्बारा सिंचाई प्रणाली (स्प्रिंकलर प्रणाली)

उपयोगः फब्बारा सिंचाई प्रणाली ड्रिप प्रणाली की तरह ही होती है। अंतर सिर्फ इतना है कि टपक सिंचाई पद्धति में पौधा के जड़ क्षेत्र में पानी बूँद-बूँद गिरता है लेकिन स्प्रिंकलर सिंचाई में पानी छोटे बूँदों में बदलकर वर्षा की फुहार की तरह पौधों के ऊपर गिरता है। स्प्रिंकलर को फसलों के अनुसार उचित दूरी

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ड्रिप सिंचाई प्रणाली

उपयोगः टपक या ड्रिप सिंचाई एक ऐसी पद्धति है, जिसमें प्लास्टिक के पाइप द्वारा पौधे के तने के चारों ओर भूमि पर या जड़ के नजदीक ड्रिप की सहायात से बूँद-बूँद पानी दिया जाता है। जिससे पानी की प्रत्येक बूँद पौधों के उपयोग में आ सके। इसमें 1.2-2.0 से.मी. मोटाई की लम्बवत (लैटरल) पाइपों के

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कृषक बन्धु ट्रेडल पम्प

उपयोग: कृषक बन्धु ट्रेडल पम्प कम लागत मैन्युअल रूप से संचालित सिंचाई पम्प है जिसका उपयोग ट्रेडमिल एक्षन द्वारा पानी को जमीन के नीचे से उठाने के लिए किया जाता है। इस पम्प के संचालन के लिए किसी ईंधन की आवष्यकता नहीं होती है। यह पम्प अन्य मैन्युअल रूप से संचालित पम्प की तुलना में

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सोलर पम्प

उपयोग: सौर पम्प या सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई प्रणाली बिजली जैसे पारंपरिक सिंचाई समाधान या डीजल चालित पम्प के विकल्प के रूप में उभर रही है। यह एक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सिंचाई तकनीक है जिसके परिचालन और रखरखाव में बहुत ही कम लागत लगता है। इसका उपयोग सतह और भूजल दोनों स्रोतों के साथ

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रेसिप्रोकेटिंग पम्प

उपयोग: इस पम्प का उपयोग ज्यादा दबाव द्वारा जल के वितरण में किया जाता है। सक्शन वॉल्व, वितरण वॉल्व, सक्शन पाइप और एकल-पिस्टन के साथ वितरण पाइप इसके मुख्य घटक हैं। यह एकल और बहु अवस्था प्रकार के होते हैं। यह पम्प एक निश्चित मात्रा में जल को निम्नतम क्षेत्र से उच्चतम क्षेत्र तक पहुंचाने

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